ये बरखा का मौसम सजीला सजीला घटाओं में मस्ती, हवाओं में थिरकन | वो बलखाती बूँदों का फूलों से मिलना वो शाख़ों का लहराके हर पल मचलना || नशे में है डूबी, क़दम लड़खड़ाती वो मेघों की टोली चली आ रही है | कि ब…
स्रोत: ये बरखा का मौसम सजीला सजीला
ये बरखा का मौसम सजीला सजीला घटाओं में मस्ती, हवाओं में थिरकन | वो बलखाती बूँदों का फूलों से मिलना वो शाख़ों का लहराके हर पल मचलना || नशे में है डूबी, क़दम लड़खड़ाती वो मेघों की टोली चली आ रही है | कि ब…
स्रोत: ये बरखा का मौसम सजीला सजीला
ये बरखा का मौसम सजीला सजीला
घटाओं में मस्ती, हवाओं में थिरकन |
वो बलखाती बूँदों का फूलों से मिलना
वो शाख़ों का लहराके हर पल मचलना ||
नशे में है डूबी, क़दम लड़खड़ाती
वो मेघों की टोली चली आ रही है |
कि बिजली के हाथों से ताधिन ताधिनता
वो मादल बजाती बढ़ी आ रही है ||
पपीहा सदा ही पियू को पुकारे
तो कोयल भी संग में है सुर को मिलाती |
जवानी की मस्ती में मतवाला भँवरा
कली जिसपे अपना है सर्वस लुटाती ||
मौसम में ठण्डक, तपन बादलों में
अम्बुआ की बौरों से झरता पसीना |
सावन की रिमझिम फुहारों के संग ही
मन में भी अमृत की धारा बरसती ||
पगलाई बौराई है सारी ही धरती
चढ़ा है नशा पत्ते पत्ते पे भारी |
कि सुध बुध को बिसराके तन मन थिरकता
तो क्यों ना हरेक मन पे छाए जवानी ||
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स्रोत: शुभ प्रभात