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बुध का तुला में गोचर

कल यानी 6 अक्टूबर को आश्विन कृष्ण द्वादशी, तैतिल करण और शुभ योग में दोपहर 12:42 के लगभग पर बुध अपनी स्वयं की उच्च राशि कन्या से निकल कर मित्र ग्रह शुक्र की तुला राशि में प्रविष्ट होगा | इस प्रवेश के समय बुध चित्रा नक्षत्र में होगा | यहाँ कुछ समय बुध को गुरु और शुक्र का साथ भी मिलेगा | यहाँ से 26 अक्टूबर को 20:44 के लगभग बुध का प्रवेश वृश्चिक राशि में हो जाएगा | इस बीच 10 अक्टूबर को स्वाति नक्षत्र पर तथा 19 अक्टूबर को विशाखा नक्षत्र पर गोचर करेगा | 11 अक्टूबर को बुध मार्गी भी हो जाएगा | इन समस्त तथ्यों के आधार पर आइये जानने का प्रयास करते हैं कि बुध के तुला राशि में गोचर के विभिन्न राशियों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…

मेष : आपका तृतीयेश और षष्ठेश आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि के योग बन रहे हैं | इन गतिविधियों के दौरान आपके कुछ नवीन सम्बन्ध भी बन सकते हैं जिनके कारण आपको अपने कार्यक्षेत्र में भी लाभ हो सकता है | आर्थिक स्थिति में दृढ़ता के भी योग प्रतीत होते हैं | आपके छोटे भाई बहन यदि अध्ययनरत हैं तो उनके लिए भी ये गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | आपके जीवन साथी के लिए भी यह गोचर अनुकूल फल देने वाला प्रतीत होता है | यदि आपको जीवन साथी की तलाश है तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है |

वृषभ : आपका द्वितीयेश और पंचमेश आपकी राशि से छठे भाव में गोचर कर रहा है | इस अवधि में आपकी वाणी प्रभावशाली बनी रहेगी और आपकी निर्णायक क्षमता स्पष्ट बनी रहेगी | आर्थिक दृष्टि से तथा कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्प रहेंगे | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु पिता अथवा सन्तान के साथ किसी प्रकार का विवाद भी सम्भव है | किसी कोर्ट केस में अनुकूल दिशा में प्रगति की सम्भावना भी प्रतीत होती है |

मिथुन : आपका लग्नेश तथा चतुर्थेश आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | आप अपने कार्य से सम्बन्धित किसी प्रकार का Advance Course इस अवधि में कर सकते हैं | साथ ही यदि आप लेखक हैं तो आपको सिमेनार्स आदि में अपना शोध पत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हो सकता है | परिवार में किसी बच्चे के जन्म की अथवा किसी अन्य प्रकार के माँगलिक कार्य की भी सम्भावना प्रतीत होती है | आपकी सन्तान के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |

कर्क : आपके लिए द्वादशेश और तृतीयेश होकर बुध आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | कार्य से सम्बन्धित विदेश यात्राओं में वृद्धि की सम्भावना है | आपका कोई मित्र भी विदेश से वापस आकर आपके कार्य में आपकी सहायता कर सकता है | किन्तु पैसे के लेन देन में सावधानी रखने की आवश्यकता होगी | आपके छोटे भाई बहनों के लिए भी समय अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु उनके साथ आपका किसी बात पर विवाद भी सम्भव है |

सिंह : आपके लिए द्वितीयेश और एकादशेश होकर बुध का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में हो रहा है | आपके लिए आर्थिक दृष्टि से और कार्य की दृष्टि से यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप कोई नया कार्य भी इस अवधि में आरम्भ कर सकते हैं | किन्तु वाणी में कुछ तीखापन भी आ सकता है, जिसके कारण विशेष रूप से भाई बहनों के साथ किसी प्रकार की अनबन भी हो सकती है, अतः इस ओर से सावधान रहने की आवश्यकता है | आपके पिता अथवा बड़े भाई का पूर्ण सहयोग आपको प्राप्त रहेगा |

कन्या : आपका राश्यधिपति तथा दशमेश बुध आपकी लग्न से दूसरे भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए कार्य की दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्धक प्रतीत होता है | आप यदि मीडिया या किसी प्रकार की Alternative Therapy से सम्बन्ध रखते हैं अथवा लेखन के क्षेत्र में हैं तो आपके लिए आर्थिक लाभ के संकेत हैं | साथ ही यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्ध रखता है तो आपके लिए यह गोचर विशेष रूप से भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | विदेश यात्राओं में वृद्धि के भी योग प्रतीत होते हैं | नौकरी में पदोन्नति के साथ ट्रांसफर के भी संकेत हैं |

तुला : आपका द्वादशेश और भाग्येश आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | यदि आपका कार्य विदेश से सम्बन्धित है अथवा किसी दूर के शहर से सम्बन्धित है तो आपके लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके लिए विदेश यात्राओं में वृद्धि के योग बन रहे हैं जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति के साथ ही कहीं दूर ट्रांसफर भी हो सकता है | मान सम्मान में वृद्धि के संकेत हैं | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ही आप किसी धार्मिक कार्य में धन भी व्यय कर सकते हैं |

वृश्चिक : आपका एकादशेश और अष्टमेश आपके बारहवें भाव में गोचर कर रहा है | किसी स्थान से कार्य का प्रस्ताव प्राप्त हो सकता है जहाँ के विषय में आपने कल्पना भी नहीं की होगी | कार्य के सिलसिले में विदेश यात्राओं में वृद्धि तथा अर्थ लाभ के भी संकेत हैं | नौकरी में हैं तो किसी अधिकारी के रिटायर होने के कारण आपकी उसके स्थान पर पदोन्नति के साथ ही किसी दूर के सहारा में आपका ट्रांसफर भी हो सकता है | किसी मित्र को पैसा उधार देना इस अवधि में उचित नहीं रहेगा | साथ ही स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं पर पैसा भी खर्च हो सकता है |

धनु : आपका सप्तमेश और दशमेश आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आपके कार्य तथा आय में वृद्धि की सम्भावना है | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है | सहकर्मियों अथवा व्यावसायिक पार्टनर का और पिता तथा जीवन साथी का सहयोग आपको निरन्तर प्राप्त रहेगा | पॉलिटिक्स में यदि आप हैं तो आपके लिए विशेष रूप से यह गोचर भाग्यवर्द्धक सिद्ध हो सकता है | अविवाहित हैं तो आपके किसी सहकर्मी की ओर से प्रणय निवेदन भी आपको प्राप्त हो सकता है |

मकर : आपका षष्ठेश और भाग्येश आपकी राशि से दशम भाव में गोचर कर रहा है | आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल देने वाला प्रतीत होता है | कार्य स्थल में किसी प्रकार के विरोध का सामना इस अवधि में करना पड़ सकता है | किसी कोर्ट केस के कारण भी किसी प्रकार का मानसिक तनाव आपको अनुभव हो सकता है | इस अवधि में शान्ति पूर्वक व्यवहार करना आपके हित में रहेगा | किसी भी विवाद को बढ़ने देना भी आपके हित में नहीं रहेगा | धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है |

कुम्भ : पंचमेश और अष्टमेश का गोचर नवम भाव में हो रहा है | एक ओर नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी सम्भावना है | उत्साह में वृद्धि का समय भी प्रतीत होता है, किन्तु इसके साथ ही विरोधियों में भी वृद्धि का समय प्रतीत होता है | लेकिन आप समय पर उस विरोध को समाप्त करने में समर्थ भी हो सकते हैं | स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | किन्तु अकारण ही किसी बात को लेकर आप चिन्तित भी हो सकते हैं | धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि की सम्भावना है | आपकी सन्तान के लिए समय भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है |

मीन : चतुर्थेश और सप्तमेश का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में हो रहा है | पारिवारिक स्तर पर कुछ समस्याओं अथवा विवादों का सामना इस अवधि में करना पड़ सकता है | जीवन साथी के साथ भी किसी प्रकार का विवाद सम्भव है | प्रॉपर्टी से सम्बन्धित कोई कोर्ट केस भी आपके लिए चिन्ता का विषय हो सकता है | साथ ही जीवन साथी और परिवार के लोगों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |

अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |

साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…

https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2018/10/05/mercury-transit-in-libra/