यों तो ग्रहों का भाचक्र में भ्रमण एक खगोलीय घटना है जो अपने नियमित अन्तराल पर घटती रहती है | किन्तु Vedic Astrology की दृष्टि से ग्रहों के संक्रमण का प्रकृति पर प्रत्यक्ष प्रभाव होता है और मानव भी उस प्रभाव से अछूता नहीं रहता | आज प्रातः 03:00 पर सूर्य का संक्रमण धनु राशि में हुआ है और यहाँ भगवान भास्कर पूरा एक माह रहने वाले हैं | हम सभी जानते हैं कि समस्त चराचर जगत को ऊर्जा तथा पुनर्जीवन सूर्य से ही प्राप्त होता है | यही कारण है कि सूर्य को प्राणों का अथवा आत्मा का कारक माना जाता है | सूर्य की राशि सिंह है, उच्च राशि मेष है और नीच राशि तुला है | आइये जानते हैं विभिन्न राशियों पर सूर्य के धनु राशि में गोचर का क्या सम्भावित प्रभाव मानव मात्र पर हो सकता है | यह प्रभाव चन्द्रमा की राशि को ध्यान में रखकर लिखा जा रहा है और चन्द्रमा एक राशि में पूरे चौबीस घंटे रहता है तथा उन चौबीस घण्टों में हज़ारों बच्चों का जन्म होता है | आवश्यक नहीं कि सबके लिए नीचे लिखी बातें सत्य सिद्ध हो जाएँ | किसी व्यक्ति की कुण्डली का अध्ययन करते समय केवल एक ही तथ्य का आकलन नहीं किया जाता है अपितु बहुत से सूत्रों के आधार पर किसी कुण्डली का अध्ययन किया जाता है तब किसी सम्भावित परिणाम पर पहुँच सकते हैं | साथ ही, हर एक वर्ष में सूर्य पूरी बारह राशियों में भ्रमण करता है अतः आवश्यक नहीं कि हर वर्ष सूर्य के किसी विशिष्ट राशि में गोचर होने पर समान परिणाम ही परिलक्षित हों | इसलिए अधिक सत्य फलकथन के लिए तो आपको किसी अच्छे वैदिक ज्योतिषी – Vedic Astrologer – से स्वयं मिलकर ही कुण्डली का समग्र अध्ययन कराना होगा | तथापि, यदि दस प्रतिशत लोगों को भी इसका लाभ मिल सका तो अपना ये पयास सफल मानेंगे…
अन्त में, सदा की भाँति इतना अवश्य कहेंगे कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी – A Good Astrologer – के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये – क्योंकि केवल आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बनाएँगे…
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