कोई अस्तित्व न हो शब्दों का, यदि हो न वहाँ मौन का लक्ष्य |
कोई अर्थ न हो मौन का, यदि निश्चित न न हो वहाँ कोई ध्येय |
मौन का लक्ष्य है प्रेम, मौन मौन का लक्ष्य है दया
मौन का लक्ष्य है आनन्द, और मौन मौन का है लक्ष्य संगीत भी |
मौन, ऐसा गीत जो कभी गाया नहीं गया,
फिर भी मुखरित हो गया |
मौन, ऐसा सन्देश जो कभी सुना नहीं गया
फिर भी ज्ञात हो गया |
मौन, एक भाषा, जिसकी कोई लिपि नहीं |
मौन, एक नृत्य, जिसकी कोई मुद्रा नहीं |
मौन, स्थिरता की ऐसी ऊर्जा, जिसका कोई रूप नहीं |
मौन, एक शब्दहीन शब्द
इसीलिये नहीं हो सकती अनुचित व्याख्या इसकी |
प्रश्न केवल इतना ही
क्यों रुदन करते हैं हम जन्म लेते समय ?
क्यों नहीं जन्म ले सकते हम मौन भाव से ?
ताकि हमारी सत्ता ही बन जाए हमारा मोक्ष
और भाव बन जाए अभाव ?
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